भाना
रौंतेला मुल्क माँ कख होली
भाना
फूलों का बीच
भग्यान
झपन्याली डाली सि
झूमणि होली
बोण माँ अजाण बिराण
कख हरची तेरी गुन्द्क्यालि
मुखडी
कख तेरा कौल करार
कख लुकि तेरा अंख्यों
का सुपिना
कख तेरा रन्त रैबार
कख होलु तेरु रूप खतेणु
कख छ माया कु बाज़ार
देखि देखि क आँखि थाकिगे
कन्डूड़ी लेगे बय्याँण
रौंतेला मुल्क माँ कख होली भाना
फूलों का बीच भग्यान
झपन्याली डाली सि
झूमणि होली
बोण माँ अजाण बिराण
सौण की कुयेडी
जनु रूप
तेरु
फूलो सी खिल
खिल जांदी
काँस की थाळी
सी धवड़ी तेरी
माया कु बाटू
बतान्दी
अता न पता
न ठौर ठिकाणु
कई देश बटि
तू आन्दी
भादों की
बरखा सी जेठ
कु घाम
कानके होली पछाण
रौंतेला मुल्क माँ कख होली भाना
फूलों का बीच भग्यान
झपन्याली डाली सि
झूमणि होली
बोण माँ अजाण बिराण
दुनिया माँ नी
अब पैलू सी
मेल
बदलेगी भौण मिजाज
दिख्यांदा नि त्यारा
गीतू का रौंसिया
न वो संगीत
न साज
धक धक नि
धक्धयांदी कैकि जिकुड़ी
बडुली ना
पराज
आ चली जौला दुनिया
सी दूर
बण जौला पंछी पराण
रौंतेला मुल्क माँ कख होली
भाना
फूलों का बीच
भग्यान
झपन्याली डाली सि
झूमणि होली
बोण माँ अजाण बिराण
भगवान सिंह रावत (सर्वाधिकार सुरक्षित )
भगवान सिंह रावत (सर्वाधिकार सुरक्षित )
No comments:
Post a Comment